हिंदी कविताओं/कवियों की सूची
- रेगुलेटिंग एक्ट -1773 – भारतीय प्रशासन में ऐतिहासिक बदलाव
- भारत का महान्यायवादी- Attorney General of India भूमिका, जिम्मेदारियां और महत्वपूर्ण तथ्य।
- जैन धर्म: एक शोधपरक दृष्टिकोण || Jain Dharma For UPPCS Examination
- गौतम बुद्ध से संबंधित प्रमुख तथ्य || Gautam Buddha facts in Hindi
- नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे – होली कविता – (Holi kavita)
- क्षमा शोभती उस भुजंग को || Kshama Shobhti Us Bhujang Ko
- मुझे राम प्यारे मुझे राम दे दो- Mujhe Ram Pyare Mujhe Ram De do
- नारायण मिल जाएगा – Narayan Mil Jayega Lyrics
- राम आएँगे तो अंगना सजाऊँगी – Ram Aayenge To Angana Sajaungi
- ये चमक ये दमक फूलवन मा महक, सब कुछ सरकार तुम्हई से है।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग || Central Vigilance Commission
- भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों के प्रभाव और भूमिका का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए ।
- सूरज निकलना चाहिए- गोपालदास “नीरज”
- श्री हनुमान चालीसा || Hanuman Chalisa
- अमावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है – डॉ कुमार विश्वास
- बालिका से वधू – रामधारी सिंह “दिनकर”
- अब तुम्हारा प्यार भी – गोपालदास “नीरज”
- जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना – गोपालदास “नीरज”
- समर शेष है – रामधारी सिंह “दिनकर”
- मन्जिल दूर नहीं है – रामधारी सिंह “दिनकर”
- हे भारत के राम जगो – आशुतोष राणा
- कारवाँ गुज़र गया, गुबार देखते रहे – श्री गोपालदास “नीरज”
- फलेगी डालों में तलवार – रामधारी सिंह दिनकर – Hindi Kavita
- ध्वज-वंदना – रामधारी सिंह “दिनकर”
- पन्द्रह अगस्त उन्नीस सौ सैंतालीस - सुमित्रानंदन पंत
- मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको – अदम गोंडवी
- मौन निमन्त्रण – सुमित्रानंदन पंत
- है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है – हरिवंशराय बच्चन
- मनुष्य और सर्प – रामधारी सिंह “दिनकर”
- Distance matters – मोहन अबोध
- देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ – डॉ कुँवर बेचैन
- चारु चंद्र की चंचल किरणें – मैथिलीशरण गुप्त
- परशुराम की प्रतीक्षा | रामधारी सिंह “दिनकर” | हिंदी कविता
- अश्रु यह पानी नहीं है – महादेवी वर्मा
- बिहारी के दोहे
- नदी बोली समन्दर से – डॉ. कुँअर बेचैन
- हिरोशिमा हिंदी कविता अज्ञेय | Hiroshima Hindi Kavita
- आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में – गीतकार राजेन्द्र राजन
- हमारे कृषक – रामधारी सिंह “दिनकर”
- मेरे नगपति – मेरे विशाल – रामधारी सिंह दिनकर
- यौवन का पागलपन – माखनलाल चतुर्वेदी
- दीप से दीप जले – माखनलाल चतुर्वेदी
- पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी
- अज्ञात वास (रश्मिरथी -तृतीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर”
- मातृ मूर्ति – पदुमलाल पन्नालाल बख्शी
- है प्रीत जहाँ की रीत सदा – इंदीवर
- कौन सिखाता है चिडियों को – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- 26 जनवरी पर भाषण
- सूरदास – के प्रमुख पद
- तुझे कैसे भूल जाऊँ – दुष्यंत कुमार
- मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो – सूरदास
- मातृभाषा प्रेम पर दोहे – भारतेंदु हरिश्चंद्र
- भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की- जगन्नाथदास ’रत्नाकर’
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे – अदम गोंडवी
- समय के सदुपयोग का महत्त्व – मोहन अबोध
- गीत इक और लिखूँ, वो भी तुम पर लिखूँ – मोहन अबोध
- भारत महिमा – जयशंकर प्रसाद
- सब जीवन बीता जाता है ,जयशंकर प्रसाद
- संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे – नागार्जुन
- बाकी बच गया अण्डा – नागार्जुन
- बादल को घिरते देखा है – नागार्जुन
- भगवान के डाकिए | रामधारी सिंह “दिनकर”
- रोटी और स्वाधीनता – रामधारी सिंह “दिनकर”
- आग की भीख – रामधारी सिंह “दिनकर”
- कृष्ण की चेतावनी-रामधारी सिंह “दिनकर”
- कलम या कि तलवार – रामधारी सिंह “दिनकर”
- रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद-रामधारी सिंह “दिनकर”
- सिंहासन खाली करो कि जनता आती है |रामधारी सिंह “दिनकर”
- पथ आंगन पर रखकर आई | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- अभी न होगा मेरा अन्त – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- गीत गाने दो मुझे तो – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- वह तोड़ती पत्थर – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु- सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- जागो फिर एक बार | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- गहन है यह अंधकारा – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- प्रेम के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- वर दे वीणावादिनी वर दे – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
- क्या खूब लगती हो, बड़ी सुंदर दिखती हो| एक ऐसा गीत जिसे हर प्रेमिका अपने प्रेमी से सुनना चाहती है।
- आरक्षण से रुका समाज का वास्तविक विकास
- जीवन नहीं मरा करता है, गीत ऋषि श्री गोपालदास नीरज
- ब्रदर्स डे स्पेशल- Brothers Day Special मोहन अबोध
- तुर्क और अफगान हमलों से पहले का हिंदुस्तान, पुराना इतिहास