Hai Hai Andheri Raat Par Diya Jalana Kab Mana Hai

है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है  – हरिवंशराय बच्चन

है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है ( Hai Hai Andheri Raat Par Diya Jalana Kab Mana Hai…

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Manushya aur sarp

मनुष्य और सर्प – रामधारी सिंह “दिनकर”

मनुष्य और सर्प ( Manushya aur sarp ) राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित खंडकाव्य रश्मिरथी का एक…

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Distance matter - मोहन अबोध

Distance matters – मोहन अबोध

Distance matters – मोहन अबोध मेरे शब्दों के दुनिया के दोस्त नमस्कार, कैसे हैं आप सब? आशा करता हूँ प्रसन्नतापूर्ण…

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डॉ. कुँअर बेचैन

देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ  – डॉ कुँवर बेचैन

देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ नींद मेरी आँखों में आते ही जल जाती है क्यूँ। हाथ में…

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