समय के सदुपयोग का महत्त्व

समय के सदुपयोग का महत्त्व – मोहन अबोध

नमस्कार ! मेरे शब्दों के दुनिया के दोस्त कैसे हो आप सब ? आशा करता हूँ आप आनंदित और स्वथ्य होंगे..

लम्बे समय के बाद आज पुनः उपस्थित हूँ एक नए लेख के साथ… जिसका शीर्षक है “समय के सदुपयोग का महत्त्व”

अगर सीधे शब्दों में इस प्रश्न के साथ आपसे संवाद स्थापित करने की कोशिश करूँ कि समय क्या है और समय के सदुपयोग से क्या तात्पर्य है ?

तो शायद इस प्रश्न का उत्तर अलग – अलग हो लेकिन एक बात सबकी कॉमन अर्थात उभयनिष्ठ होगी कि “समय गतिमान है और समय का सदुपयोग करके हम अपने जीवन में सार्थक परिवर्तन कर सकते हैं|”

 अगर सामान्य शब्दों में एक बात कहूँ – समय सब कुछ है और सबसे बड़ा हैं तो कोई बुरी बात नहीं होगी क्योंकि जब कुछ नहीं था तब भी समय था और जब कुछ नहीं होगा तब भी समय ही होगा |  अतः इस बात को कुछ यों कह सकते हैं कि समय ही सबकी उत्पत्ति का मूल बिन्दुं है|

अगर समय की बात को मैं अपने शब्दों में कहूँ तो “समय निर्वाध रूप से गतिमान है और समय के साथ तालमेल बना कर कार्य करना ही समय का सदुपयोग है|” घुमा फिरा कर एक बात निश्चित है| समय के साथ हम लोगों को ही तालमेल बिठाना होगा अर्थात समय हमारे लिए एक क्षण भी नहीं रुकेगा|

तो साहिबान अब आते हैं मुद्दे पर कि समय का सदुपयोग कैसे करना है?

इस बात को समझने के लिए मूल रूप से हमें तीन शब्दों में अंतर समझना होगा … जिसमे पहला शब्द आवशयक और दूसरा व तीसरा शब्द तुरंत तथा जल्दी हैं |

आवश्यक शब्द को आप अपने उन कार्यों से जोड़कर देखें जिन्हें आप करना चाहते हैं और आपको निश्चित तौर पर करना ही है|

तुरंत शब्द को आप उन कार्यों से जोड़कर देखें जो आवशयक होने के साथ – साथ आपके कार्य करने की सूची में सबसे ऊपर हैं अर्थात जिन्हें आपको सबसे पहले करना है|

जल्दी – मैं व्यक्तिगत रूप से यह मानता हूँ की समय के सापेक्ष में जल्दी कुछ होता ही नहीं है | जल्दी का सीधा मतलब यही है कि जो काम पहले हो जाना चाहिए था वह काम पहले नहीं हुआ अर्थात हम काम करने में देर कर चुकें है | जब एक बार देर हो चुकी तो हम किसी काम को जल्दी नहीं कर सकते पर उसे तुरंत कर सकते हैं|

समय के महत्व और सदुपयोग पर आप भी विचार कीजिये ….

“लक्ष्य निर्धारित करिए, सही दिशा व पथ का चुनाव करिए तथा समय के साथ तालमेल रखिये  और सफलता की प्रथम सीढ़ी पर अपने कदम रख दीजिये|”

मेरे शब्दों के दुनिया के दोस्त आज के लेख में इतना ही पुनः मिलते हैं एक नए लेख के साथ..

अपना ध्यान रखें।
घर पर रहें, सुरक्षित रहें।

इति
मोहन अबोध #Mohanabodh

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