Month: December 2021

गीत इक और लिखूँ, वो भी तुम पर लिखूँ – मोहन अबोध
कई बार गीत को किसी छंद में या नियम में बाँध दिया जाता है जिससे गीति की सुन्दरता और भी…
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सब जीवन बीता जाता है ,जयशंकर प्रसाद
हिन्दी साहित्य के विकास और खड़ी बोली तथा भाषा के विकास में जयशंकर प्रसाद जी को योगदान अविस्मर्णीय है इस…
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संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे – नागार्जुन
बाबा नागार्जुन की निर्भीकता और स्पष्टवादिता ही बाबा को सबसे अलग और आन्दोलनकारी कवि के रूप में स्थान दिलाती है|…
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बाकी बच गया अण्डा – नागार्जुन
बाबा नागार्जुन की कविता – बाकी बच गया अण्डा, उनके द्वारा लिखी गविताओं में से सबसे प्रसंघिक कविता हैं |…
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बादल को घिरते देखा है – नागार्जुन
बाबा जगार्जुन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| उनकी कविताओं जब भी पढ़ो तो आपको बहुदिशीय आयाम के दर्शन होतें हैं…
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भगवान के डाकिए | रामधारी सिंह “दिनकर”
लेखक के बारे में – हिंदी साहित्य में अगर कवियों और कविताओं की बात होती हैं तो केवल गिने चुने…
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रोटी और स्वाधीनता – रामधारी सिंह “दिनकर”
रोटी और स्वाधीनता कविता राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखी गई कविता है जो की आजादी के उपरांत लिखी…
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आग की भीख – रामधारी सिंह “दिनकर”
आग की भीख कविता राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह “दिनकर” ने अन १९४३ में लिखा था| इस कविता को अगर ध्यान…
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कृष्ण की चेतावनी-रामधारी सिंह “दिनकर”
कृष्ण की चेतावनी श्री रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित काव्यखंड रश्मिरथी से लिया गया एक अंश है| दिनकर जी ने…
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