संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे

संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे – नागार्जुन

बाबा नागार्जुन की निर्भीकता और स्पष्टवादिता ही बाबा को सबसे अलग और आन्दोलनकारी कवि के रूप में स्थान दिलाती है|…

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बाकी बच गया अण्डा

बाकी बच गया अण्डा – नागार्जुन

बाबा नागार्जुन की कविता – बाकी बच गया अण्डा, उनके द्वारा लिखी गविताओं में से सबसे प्रसंघिक कविता हैं |…

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बाबा नागार्जुन

बादल को घिरते देखा है – नागार्जुन

बाबा जगार्जुन बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| उनकी कविताओं जब भी पढ़ो तो आपको बहुदिशीय आयाम के दर्शन होतें हैं…

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