आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे,

शायरी की दुनिया में शायर जनाब अदम गोंडवी का बड़ा नामा है| गोंडवी जी की पंक्तियाँ जनमानस को तो पसंद आती हैं पर इनकी शायरी नेता जी को नश्तर जैसी चुभती हैं | अदम गोंडवी जी जनमानस के शायर है जिन्होंने निर्भीकता के साथ जनता की बात खुले मंचो से अपनी शायरी के माध्यम से कही है|

… आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे,…

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे,

अपने शाह-ए-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे|

देखने को दे उन्हें अल्लाह कंप्यूटर की आँख,

सोचने को कोई बाबा बाल्टीवाला रहे|

तालिब-ए-शोहरत हैं कैसे भी मिले मिलती रहे’

आए दिन अख़बार में प्रतिभूति घोटाला रहे|

एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिए,

चार छै चमचे रहें माइक रहे माला रहे|

अदम गोंडवी

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