Hiroshima

हिरोशिमा हिंदी कविता अज्ञेय | Hiroshima Hindi Kavita

Hiroshima Hindi Kavita एक दिन सहसासूरज निकलाअरे क्षितिज पर नहीं,नगर के चौक :धूप बरसीपर अंतरिक्ष से नहीं,फटी मिट्टी से। छायाएँ मानव-जन…

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राजेन्द्र राजन

आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में – गीतकार राजेन्द्र राजन

आने वाले हैं शिकारी आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव मेंजनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में फिर वही…

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हमारे कृषक

हमारे कृषक – रामधारी सिंह “दिनकर”

हमारे कृषक जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं हैछूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम…

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रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति – मेरे विशाल – रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति! मेरे विशाल!साकार, दिव्य, गौरव विराट्,पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल!मेरी जननी के हिम-किरीट!मेरे भारत के दिव्य भाल!मेरे नगपति! मेरे विशाल!…

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