Month: February 2022
हिरोशिमा हिंदी कविता अज्ञेय | Hiroshima Hindi Kavita
Hiroshima Hindi Kavita एक दिन सहसासूरज निकलाअरे क्षितिज पर नहीं,नगर के चौक :धूप बरसीपर अंतरिक्ष से नहीं,फटी मिट्टी से। छायाएँ मानव-जन…
Read Moreआने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में – गीतकार राजेन्द्र राजन
आने वाले हैं शिकारी आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव मेंजनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में फिर वही…
Read Moreहमारे कृषक – रामधारी सिंह “दिनकर”
हमारे कृषक जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं हैछूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम…
Read Moreमेरे नगपति – मेरे विशाल – रामधारी सिंह दिनकर
मेरे नगपति! मेरे विशाल!साकार, दिव्य, गौरव विराट्,पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल!मेरी जननी के हिम-किरीट!मेरे भारत के दिव्य भाल!मेरे नगपति! मेरे विशाल!…
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