नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे  – होली कविता – (Holi kavita)

नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे - होली कविता – (Holi kavita) सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी ने 1932 लिखी थी जिसका प्रकाशन “जागरण” पाक्षिक काशी 22 मार्च 1932 में किया गया था|
March 20, 2024 0 Comments 3 tags

नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे - होली कविता – (Holi kavita) सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी ने 1932 लिखी थी जिसका प्रकाशन “जागरण” पाक्षिक काशी 22 मार्च 1932 में किया

पथ आंगन पर रखकर आई | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
December 19, 2021 0 Comments 1 tag

पथ आंगन पर रखकर आई ( Path Aangan Par Rakhkar aai ) कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी द्वारा लिखी गई चर्चित कविताओं में से एक हैं | इस कविता में

अभी न होगा मेरा अन्त – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
December 19, 2021 0 Comments 1 tag

कवि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिखी गई यह कविता अभी न होगा मेरा अंत ( Abhi Na Hoga Mera Ant ) निराला जी के आशावादी और उत्साहमय जीवन को

गीत गाने दो मुझे तो – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

December 19, 2021 0 Comments 0 tags

गीत गाने दो मुझे तो ( Geet Gane do mujhe to ) गीत गाने दो मुझे तो,वेदना को रोकने को। चोट खाकर राह चलतेहोश के भी होश छूटे,हाथ जो पाथेय

वह तोड़ती पत्थर – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

वह तोड़ती पत्थर
December 19, 2021 0 Comments 1 tag

वह तोड़ती पत्थर कविता पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिख गई सबसे चर्चित कविता है| यह कविता निराला जी ने इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज के एक मार्मिक दृश्य का

बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु- सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

https://thehindigiri.com/
December 19, 2021 2 Comments 2 tags

बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु ! कविता, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिखी गई प्रचलित कविताओं में से एक है | मैं व्यक्तिगत रूप से इस कविता को

जागो फिर एक बार | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

ज्जगो फिर एक बार
December 19, 2021 0 Comments 1 tag

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी यह कविता “जागो फिर एक बार” भारतीय युवाओं को जागृत करने और जोश भरने के लिए लिखा है | निराला जी इस कविता के माध्यम से

गहन है यह अंधकारा – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
December 19, 2021 0 Comments 1 tag

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी हिंदी साहित्य और कविता क्षेत्र में विशेष स्थान रखते हैं| निराला जी छायावादी कविता के चार सतन्भों में से एक हैं| निराला जी की कविता और

प्रेम के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
December 18, 2021 0 Comments 1 tag

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी की कविता “प्रेम के प्रति” एक अद्भुत और भाषा समृद्ध कविता है| इस कविता में कवि प्रेम के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कर रहा है |

वर दे वीणावादिनी वर दे – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

सरस्वती बंदना
December 18, 2021 0 Comments 1 tag

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा लिखित यह रचना “वर दे वीणावादिनी वर दे” हम सब को बचपन में पढ़ाई गयी तो जो आज तक हम सबको कंठस्थ है | इस कविता