Month: December 2021

कलम या कि तलवार – रामधारी सिंह “दिनकर”
कलम या कि तलवार कविता में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी कलम और तलवार की तुलना करते हैं | कवि…
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रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद-रामधारी सिंह “दिनकर”
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत…
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सिंहासन खाली करो कि जनता आती है |रामधारी सिंह “दिनकर”
सदियों की ठण्डी-बुझी राख सुगबुगा उठी,मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है;दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,सिंहासन खाली…
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पथ आंगन पर रखकर आई | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
पथ आंगन पर रखकर आई ( Path Aangan Par Rakhkar aai ) कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी द्वारा लिखी गई…
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अभी न होगा मेरा अन्त – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
कवि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिखी गई यह कविता अभी न होगा मेरा अंत ( Abhi Na Hoga Mera…
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गीत गाने दो मुझे तो – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
गीत गाने दो मुझे तो ( Geet Gane do mujhe to ) गीत गाने दो मुझे तो,वेदना को रोकने को।…
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वह तोड़ती पत्थर – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
वह तोड़ती पत्थर कविता पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिख गई सबसे चर्चित कविता है| यह कविता निराला जी…
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बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु- सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु ! कविता, कवि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी द्वारा लिखी गई प्रचलित कविताओं में से…
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जागो फिर एक बार | सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी यह कविता “जागो फिर एक बार” भारतीय युवाओं को जागृत करने और जोश भरने के लिए…
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गहन है यह अंधकारा – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” जी हिंदी साहित्य और कविता क्षेत्र में विशेष स्थान रखते हैं| निराला जी छायावादी कविता के चार…
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