सूरदास

मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो – सूरदास

कविवर सूरदास जी ने मुख्य रूप से भगवान कृष्ण जी की बाल लीलाओं पद लिखे हैं | सूरदास जी की…

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भारतेंदु हरिश्चंद्र

मातृभाषा प्रेम पर दोहे – भारतेंदु हरिश्चंद्र

आधुनिक समय में जहाँ अंग्रेजी भाषा को बहुत महत्त्व मिल रहा है और लोग अंग्रेजी भाषा पढ़ने के उपरान्त स्वयं…

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जगन्नाथ ’रत्नाकर’

भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की- जगन्नाथदास ’रत्नाकर’

जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ जी ने उद्धव शतक में गोपियों को ज्ञान की बातें बताने की लाखों कोशिश की परन्तु गोपियों के…

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आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे,

आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे – अदम गोंडवी

शायरी की दुनिया में शायर जनाब अदम गोंडवी का बड़ा नामा है| गोंडवी जी की पंक्तियाँ जनमानस को तो पसंद…

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समय के सदुपयोग का महत्त्व

समय के सदुपयोग का महत्त्व – मोहन अबोध

नमस्कार ! मेरे शब्दों के दुनिया के दोस्त कैसे हो आप सब ? आशा करता हूँ आप आनंदित और स्वथ्य…

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गीत इक और लिखूँ, वो भी तुम पर लिखूँ – मोहन अबोध

कई बार गीत को किसी छंद में या नियम में बाँध दिया जाता है जिससे गीति की सुन्दरता और भी…

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जयशंकर प्रसाद
सब-जीवन-बीता-जाता-है

सब जीवन बीता जाता है ,जयशंकर प्रसाद

हिन्दी साहित्य के विकास और खड़ी बोली तथा भाषा के विकास में जयशंकर प्रसाद जी को योगदान अविस्मर्णीय है इस…

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संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे

संग तुम्हारे, साथ तुम्हारे – नागार्जुन

बाबा नागार्जुन की निर्भीकता और स्पष्टवादिता ही बाबा को सबसे अलग और आन्दोलनकारी कवि के रूप में स्थान दिलाती है|…

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बाकी बच गया अण्डा

बाकी बच गया अण्डा – नागार्जुन

बाबा नागार्जुन की कविता – बाकी बच गया अण्डा, उनके द्वारा लिखी गविताओं में से सबसे प्रसंघिक कविता हैं |…

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