क्षमा शोभती उस भुजंग को || Kshama Shobhti Us Bhujang Ko
क्षमा शोभती उस भुजंग को (Kshama Shobhti Us Bhujang Ko) कविता श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित सुप्रसिद्ध कविता है, यह कविता कौरव और पाण्डव से सम्बंधित है| इस
क्षमा शोभती उस भुजंग को (Kshama Shobhti Us Bhujang Ko) कविता श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित सुप्रसिद्ध कविता है, यह कविता कौरव और पाण्डव से सम्बंधित है| इस
राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह “दिनकर” जी हमेशा ऐसे पहलू पर अपनी कविताओं के मध्यम से प्रकाश डालते रहे हैं जो समाज व देश के लिए आवश्यक हैं| समर शेष है
श्री रामधारी सिंह दिनकर जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होंने अनेक ऐसी रचनाएं लिखी जिनसे दिनकर जी को ख्याति प्राप्त हुयी| दिनकर द्वारा लिखी गयी कविता – मन्जिल
कारवाँ गुज़र गया, गुबार देखते रहे (Karvan Guzar Gaya Gubar Dekhte Rahe) – श्री गोपालदास “नीरज” द्वारा लिखा गया बहुत चर्चित और सुप्रसिद्धि गीत है| यह कविता नीरज जी ने
फलेगी डालों में तलवार (Falegi Dalon Me Talwar) कविता श्री रामधारी सिंह “दिनकर” जी द्वारा लिखी गयी कविता है इस कविता में दिनकर जी अपने अनुभव के आधार पर आने