बालिका से वधू

बालिका से वधू – रामधारी सिंह “दिनकर”

माथे में सेंदूर पर छोटी दो बिंदी चमचम-सी, पपनी पर आँसू की बूँदें मोती-सी, शबनम-सी। लदी हुई कलियों में मादक…

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रामधारी सिंह दिनकर

समर शेष है – रामधारी सिंह “दिनकर”

राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह “दिनकर” जी हमेशा ऐसे पहलू पर अपनी कविताओं के मध्यम से प्रकाश डालते रहे हैं जो…

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मन्जिल दूर नहीं है

मन्जिल दूर नहीं है – रामधारी सिंह “दिनकर”

श्री रामधारी सिंह दिनकर जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होंने अनेक ऐसी रचनाएं लिखी जिनसे दिनकर जी को…

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श्री रामधारी सिंह “दिनकर

फलेगी डालों में तलवार – रामधारी सिंह दिनकर – Hindi Kavita

फलेगी डालों में तलवार (Falegi Dalon Me Talwar) कविता श्री रामधारी सिंह “दिनकर” जी द्वारा लिखी गयी कविता है इस…

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Ramdhari Singh Dinkar

ध्वज-वंदना – रामधारी सिंह “दिनकर”

श्री रामधारी सिंह दिनकर जी की कविताओं में देश प्रेम की अमिट छाप हमेशा दिखाई देती है| दिनकर जी की…

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Manushya aur sarp

मनुष्य और सर्प – रामधारी सिंह “दिनकर”

मनुष्य और सर्प ( Manushya aur sarp ) राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित खंडकाव्य रश्मिरथी का एक…

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परशुराम की प्रतीक्षा

परशुराम की प्रतीक्षा | रामधारी सिंह “दिनकर” | हिंदी कविता

परशुराम की प्रतीक्षा | रामधारी सिंह दिनकर खण्ड – एक गरदन पर किसका पाप वीर ! ढोते हो ? शोणित…

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हमारे कृषक

हमारे कृषक – रामधारी सिंह “दिनकर”

हमारे कृषक जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं हैछूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम…

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रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति – मेरे विशाल – रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति! मेरे विशाल!साकार, दिव्य, गौरव विराट्,पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल!मेरी जननी के हिम-किरीट!मेरे भारत के दिव्य भाल!मेरे नगपति! मेरे विशाल!…

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अज्ञात वास

अज्ञात वास (रश्मिरथी -तृतीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर”

हो गया पूर्ण अज्ञात वास,पाडंव लौटे वन से सहास,पावक में कनक-सदृश तप कर,वीरत्व लिए कुछ और प्रखर,नस-नस में तेज-प्रवाह लिये,कुछ…

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