माखनलाल चतुर्वेदी

यौवन का पागलपन – माखनलाल चतुर्वेदी

यौवन का पागलपन हम कहते हैं बुरा न मानो, यौवन मधुर सुनहली छाया।सपना है, जादू है, छल है ऐसापानी पर…

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माखनलाल चतुर्वेदी

दीप से दीप जले – माखनलाल चतुर्वेदी

….दीप से दीप जले…. सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली…

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माखनलाल चतुर्वेदी

पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी

बचपन में अनेक कविताओं का अध्ययन और वाचन किया मैंने परन्तु श्री माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित कविता “पुष्प की अभिलाषा”…

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अज्ञात वास

अज्ञात वास (रश्मिरथी -तृतीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर”

हो गया पूर्ण अज्ञात वास,पाडंव लौटे वन से सहास,पावक में कनक-सदृश तप कर,वीरत्व लिए कुछ और प्रखर,नस-नस में तेज-प्रवाह लिये,कुछ…

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पदुमलाल पन्नालाल बख्शी

मातृ मूर्ति – पदुमलाल पन्नालाल बख्शी

मातृ मूर्ति क्या तुमने मेरी माता का देखा दिव्याकार,उसकी प्रभा देख कर विस्मय-मुग्ध हुआ संसार ।। अति उन्नत ललाट पर…

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इंदीवर

है प्रीत जहाँ की रीत सदा – इंदीवर

है प्रीत जहाँ की रीत सदा जब ज़ीरो दिया मेरे भारत नेभारत ने मेरे भारत नेदुनिया को तब गिनती आईतारों…

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कौन सिखाता है

कौन सिखाता है चिडियों को – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

कौन सिखाता है चिड़ियों को चीं-चीं, चीं-चीं करना?कौन सिखाता फुदक-फुदक कर उनको चलना फिरना? कौन सिखाता फुर्र से उड़ना दाने…

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Republic day

26 जनवरी पर भाषण

नमस्कार ! thehindigiri.com से जुड़े हुए सम्मानित सभी सदस्यों एवम् भारत वर्ष के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस…

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सूरदास - के प्रमुख पद

सूरदास – के प्रमुख पद

कविवर सूरदास के प्रमुख पद आपको इस इस ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा | तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान।छूटि गये कैसे…

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दुष्यंत कुमार

तुझे कैसे भूल जाऊँ – दुष्यंत कुमार

क्या कहते हैं कि समय सबको यथार्थ की दिशा का दर्शन करा देता है | दुष्यंत कुमार जी की कविता…

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