Hiroshima

हिरोशिमा हिंदी कविता अज्ञेय | Hiroshima Hindi Kavita

Hiroshima Hindi Kavita एक दिन सहसासूरज निकलाअरे क्षितिज पर नहीं,नगर के चौक :धूप बरसीपर अंतरिक्ष से नहीं,फटी मिट्टी से। छायाएँ मानव-जन…

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राजेन्द्र राजन

आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में – गीतकार राजेन्द्र राजन

आने वाले हैं शिकारी आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव मेंजनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में फिर वही…

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हमारे कृषक

हमारे कृषक – रामधारी सिंह “दिनकर”

हमारे कृषक जेठ हो कि हो पूस, हमारे कृषकों को आराम नहीं हैछूटे कभी संग बैलों का ऐसा कोई याम…

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रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति – मेरे विशाल – रामधारी सिंह दिनकर

मेरे नगपति! मेरे विशाल!साकार, दिव्य, गौरव विराट्,पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल!मेरी जननी के हिम-किरीट!मेरे भारत के दिव्य भाल!मेरे नगपति! मेरे विशाल!…

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माखनलाल चतुर्वेदी

यौवन का पागलपन – माखनलाल चतुर्वेदी

यौवन का पागलपन हम कहते हैं बुरा न मानो, यौवन मधुर सुनहली छाया।सपना है, जादू है, छल है ऐसापानी पर…

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माखनलाल चतुर्वेदी

दीप से दीप जले – माखनलाल चतुर्वेदी

….दीप से दीप जले…. सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली…

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माखनलाल चतुर्वेदी

पुष्प की अभिलाषा – माखनलाल चतुर्वेदी

बचपन में अनेक कविताओं का अध्ययन और वाचन किया मैंने परन्तु श्री माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखित कविता “पुष्प की अभिलाषा”…

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अज्ञात वास

अज्ञात वास (रश्मिरथी -तृतीय सर्ग) रामधारी सिंह “दिनकर”

हो गया पूर्ण अज्ञात वास,पाडंव लौटे वन से सहास,पावक में कनक-सदृश तप कर,वीरत्व लिए कुछ और प्रखर,नस-नस में तेज-प्रवाह लिये,कुछ…

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पदुमलाल पन्नालाल बख्शी

मातृ मूर्ति – पदुमलाल पन्नालाल बख्शी

मातृ मूर्ति क्या तुमने मेरी माता का देखा दिव्याकार,उसकी प्रभा देख कर विस्मय-मुग्ध हुआ संसार ।। अति उन्नत ललाट पर…

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इंदीवर

है प्रीत जहाँ की रीत सदा – इंदीवर

है प्रीत जहाँ की रीत सदा जब ज़ीरो दिया मेरे भारत नेभारत ने मेरे भारत नेदुनिया को तब गिनती आईतारों…

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