Author: Hindiadmin
मातृ मूर्ति – पदुमलाल पन्नालाल बख्शी
मातृ मूर्ति क्या तुमने मेरी माता का देखा दिव्याकार,उसकी प्रभा देख कर विस्मय-मुग्ध हुआ संसार ।। अति उन्नत ललाट पर…
Read Moreहै प्रीत जहाँ की रीत सदा – इंदीवर
है प्रीत जहाँ की रीत सदा जब ज़ीरो दिया मेरे भारत नेभारत ने मेरे भारत नेदुनिया को तब गिनती आईतारों…
Read Moreकौन सिखाता है चिडियों को – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
कौन सिखाता है चिड़ियों को चीं-चीं, चीं-चीं करना?कौन सिखाता फुदक-फुदक कर उनको चलना फिरना? कौन सिखाता फुर्र से उड़ना दाने…
Read More26 जनवरी पर भाषण
नमस्कार ! thehindigiri.com से जुड़े हुए सम्मानित सभी सदस्यों एवम् भारत वर्ष के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस…
Read Moreसूरदास – के प्रमुख पद
कविवर सूरदास के प्रमुख पद आपको इस इस ब्लॉग में पढ़ने को मिलेगा | तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान।छूटि गये कैसे…
Read Moreतुझे कैसे भूल जाऊँ – दुष्यंत कुमार
क्या कहते हैं कि समय सबको यथार्थ की दिशा का दर्शन करा देता है | दुष्यंत कुमार जी की कविता…
Read Moreमैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो – सूरदास
कविवर सूरदास जी ने मुख्य रूप से भगवान कृष्ण जी की बाल लीलाओं पद लिखे हैं | सूरदास जी की…
Read Moreमातृभाषा प्रेम पर दोहे – भारतेंदु हरिश्चंद्र
आधुनिक समय में जहाँ अंग्रेजी भाषा को बहुत महत्त्व मिल रहा है और लोग अंग्रेजी भाषा पढ़ने के उपरान्त स्वयं…
Read Moreभेजे मनभावन के उद्धव के आवन की- जगन्नाथदास ’रत्नाकर’
जगन्नाथदास ’रत्नाकर’ जी ने उद्धव शतक में गोपियों को ज्ञान की बातें बताने की लाखों कोशिश की परन्तु गोपियों के…
Read Moreआँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे – अदम गोंडवी
शायरी की दुनिया में शायर जनाब अदम गोंडवी का बड़ा नामा है| गोंडवी जी की पंक्तियाँ जनमानस को तो पसंद…
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