
पहलगाम हमले के उपरांत भारत की आतंकवाद विरोधी नीति में क्या परिवर्तन दिखे?
पहलगाम हमले के उपरांत भारत की आतंकवाद विरोधी नीति में क्या परिवर्तन दिखे? अथवा पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों की पृष्ठभूमि में, आतंकवादी घटनाओं पर भारत की प्रतिक्रिया और उससे उत्पन्न कूटनीतिक, सैन्य एवं सामाजिक परिणामों का सम्यक मूल्यांकन करें।
परिचय:
भारत, एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हुए, समय-समय पर आतंकवादी घटनाओं से जूझता रहा है, विशेषकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में पर्यटकों पर हुआ भीषण आतंकी हमला—जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए—ने भारत को एक निर्णायक मोड़ पर ला खड़ा किया। इस हमले के बाद भारत की रणनीतिक, कूटनीतिक, और सैन्य प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया।
भारत की प्रतिक्रिया:
1. सैन्य प्रतिक्रिया: ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने पहली बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया। इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के करीब 100 आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई भारतीय वायुसेना, थलसेना और स्पेशल फोर्स की संयुक्त योजना के तहत हुई।
- 15 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निष्क्रिय किया गया।
- पाकिस्तान की वायुसेना को बड़े पैमाने पर क्षति हुई।
2. कूटनीतिक कदम:
- भारत ने सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से निलंबित किया।
- अटारी-वाघा सीमा को बंद किया गया और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया गया।
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक घोषित करने का अभियान चलाया गया।
3. साइबर एवं सांस्कृतिक प्रतिबंध:
- भारत सरकार ने पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया खातों पर प्रतिबंध लगाया।
- पाकिस्तानी कलाकारों और खिलाड़ियों के भारत में प्रवेश पर रोक लगाई गई।
4. आंतरिक सुरक्षा:
- “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत देश भर में सिविल डिफेन्स ड्रिल्स शुरू की गईं।
- हवाई हमले, आपातकालीन सेवाओं, और ब्लैकआउट की योजना नागरिक स्तर पर तैयार की गई।
प्रभाव और परिणाम:
1. अंतरराष्ट्रीय प्रभाव:
- अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत का समर्थन किया।
- संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवादी वित्त पोषण पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रस्ताव रखा, जिसे व्यापक समर्थन मिला।
2. क्षेत्रीय अस्थिरता:
- सीमावर्ती क्षेत्रों में युद्ध जैसे हालात बन गए, जिससे आम नागरिकों का पलायन हुआ।
- पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन वैश्विक दबाव के चलते पीछे हटना पड़ा।
3. सामाजिक प्रभाव:
- भारत में एकता और राष्ट्रवाद की भावना मजबूत हुई।
- हालांकि, कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय पर सामाजिक संदेह की स्थिति भी उत्पन्न हुई, जिसे संतुलित करना सरकार की जिम्मेदारी बन गई।
निष्कर्ष:
भारत की प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब देश आतंकवाद को सहन नहीं करेगा। सैन्य और कूटनीतिक कदमों के संयोजन ने भारत की रणनीतिक गंभीरता और आत्मरक्षा की प्रतिबद्धता को दिखाया है। फिर भी, यह आवश्यक है कि भारत सुरक्षा और शांति के बीच संतुलन बनाए रखते हुए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग से स्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़े।
अभ्यास प्रश्न (MCQ):
प्रश्न: अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई कौन-सी प्रतिक्रिया सैन्य कार्रवाई के अंतर्गत आती है?
A. अटारी-वाघा सीमा को बंद करना
B. पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाना
C. ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी शिविरों पर हवाई हमला
D. सिंधु जल संधि को निलंबित करना
उत्तर: ✅ C. ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी शिविरों पर हवाई हमला
व्याख्या:
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य प्रतिक्रिया का हिस्सा था, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया। बाकी विकल्प कूटनीतिक या सांस्कृतिक प्रतिक्रियाएं थीं।