नारायण मिल जाएगा – Narayan Mil Jayega Lyrics
नारायण मिल जाएगा (Narayan Mil Jayega Lyrics)
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प्रेम प्रभु का बरस रहा है,
पी ले अमृत प्यासे,
सातों तीरथ तेरे अंदर
बाहर किसे तलाशे…
कन-कन में हरि,
क्षण-क्षण में हरि,
मुस्कानों में अंसुवन में हरि
मन की आंखें तूने खोली
तो ही दर्शन पाएगा…
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
नियति भेद नहीं करती,
जो लेती है वह देती है…
जो बोएगा वह काटेगा,
ये जग कर्मों की खेती है…
नियति भेद नहीं करती,
जो लेती है वह देती है…
जो बोएगा वह काटेगा,
ये जग कर्मों की खेती है…
यदि कर्म तेरे पवित्र हैं सभी,
डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी…
तेरी बाह पकड़ने को,
वह भेष बदलकर आएगा…
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
नेकी व्यर्थ नहीं जाती,
हरि लेखा जोखा रखते हैं…
औरों को फूल दिए जिसने,
उसके भी हाथ महकते हैं…
नेकी व्यर्थ नहीं जाती,
हरि लेखा जोखा रखते हैं…
औरों को फूल दिए जिसने,
उसके भी हाथ महकते हैं…
कोई दीप मिले तो बाती बन,
तू भी तो किसी का साथी बन,
मन को मानसरोवर कर ले,
तो ही मोती पाएगा..
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
कान लगाके बातें सुन ले,
सूखे हुए दरख्तों की…
लेता है भगवान परीक्षा,
सबसे प्यारे भक्तों की…
एक प्रश्न है गहरा जिसकी,
हरि को थां लगानी है..
तेरी श्रद्धा सोना है,
या बस सोने का पानी है…
जो फूल धारे हर डाली पर,
विश्वास तो रख उस माली पर..
तेरे भाग में पत्थर है तो,
पत्थर भी खिल जाएगा…
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आ कर
नारायण मिल जाएगा…
Credit Goes to – Manoj Muntashir
Jai Shree Ram 🙏
जय सियाराम