हिरोशिमा हिंदी कविता अज्ञेय | Hiroshima Hindi Kavita

Hiroshima
February 26, 2022 0 Comments 1 tag

Hiroshima Hindi Kavita एक दिन सहसासूरज निकलाअरे क्षितिज पर नहीं,नगर के चौक :धूप बरसीपर अंतरिक्ष से नहीं,फटी मिट्टी से। छायाएँ मानव-जन कीदिशाहिनसब ओर पड़ीं-वह सूरजनहीं उगा था वह पूरब में, वहबरसा