मातृ मूर्ति – पदुमलाल पन्नालाल बख्शी
January 28, 2022
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मातृ मूर्ति क्या तुमने मेरी माता का देखा दिव्याकार,उसकी प्रभा देख कर विस्मय-मुग्ध हुआ संसार ।। अति उन्नत ललाट पर हिमगिरि का है मुकुट विशाल,पड़ा हुआ है वक्षस्थल पर जह्नुसुता