तुझे कैसे भूल जाऊँ – दुष्यंत कुमार
January 20, 2022
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क्या कहते हैं कि समय सबको यथार्थ की दिशा का दर्शन करा देता है | दुष्यंत कुमार जी की कविता व गज़ल में एक अलग छवि देखने को मिलती है