देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ – डॉ कुँवर बेचैन
May 6, 2022
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देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ नींद मेरी आँखों में आते ही जल जाती है क्यूँ। हाथ में ‘शाकुंतलम’ है और मन में प्रश्न है याद की मछली