देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ  – डॉ कुँवर बेचैन

डॉ. कुँअर बेचैन
May 6, 2022 0 Comments 1 tag

देखते ही देखते पहलू बदल जाती है क्यूँ नींद मेरी आँखों में आते ही जल जाती है क्यूँ। हाथ में ‘शाकुंतलम’ है और मन में प्रश्न है याद की मछली

नदी बोली समन्दर से – डॉ. कुँअर बेचैन

डॉ. कुँअर बेचैन
March 4, 2022 0 Comments 1 tag

नदी बोली समन्दर से – डॉ. कुँअर बेचैन ( Dr Kunwar Bechain ) नदी बोली समन्दर से, मैं तेरे पास आई हूँ।मुझे भी गा मेरे शायर, मैं तेरी ही-ही रुबाई