याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा।

हम तर्क से पराजित होने वाले नहीं है। हाँ, यदि कोई चाहे तो प्यार, त्याग और चरित्र से हमें जीत सकता है।

अस्तमान सूर्य होने को मत रुको।

सतत चिंताशील व्यक्ति का कोई मित्र नहीं बनता।

स्वार्थ हर तरह की भाषा बोलता है, हर तरह की भूमिका अदा करता है, यहां तक कि नि:स्वार्थता की भाषा भी नहीं छोड़ता।

विद्वानों और लेखकों के सामने सरलता सबसे बड़ी समस्या होती है।

प्रासादों के कनकाभ शिखर, होते कबूतरों के ही घर, महलों में गरुड़ ना होता है, कंचन पर कभी न सोता है. रामधारी सिंह 'दिनकर'

तेजस्वी सम्मान खोजते नहीं गोत्र बतला के पाते हैं जग में प्रशस्ति अपना करतब दिखला के|

समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध  जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध |

धनराशि जोगना लक्ष्य नहीं, साम्राज्य भोगना लक्ष्य नहीं, भुजबल से कर संसार-विजय, अगणित समृद्धियों का संचय